शनिवार, 5 अप्रैल 2014

राम का आसरा

अनिल कर्मा

'मेरी माने तो बेटे का नाम राम रख दे। इस बहाने दिन-रात भगवान का नाम लेगा तो जीवन सफल हो जाएगा..। मनोहर काका की  यह बात 24 साल बाद भी उसके कानों  में गूंजती है। आज खास तौर से इसलिए क्योंकि कल ही घर में दीवार खींची गई है। अब उस तरफ राम और उसकी पत्नी...इस तरफ वह अकेला। क्या करे आखिर?  दिल बहलाने के लिए थोड़ी देर पड़ोस में बनवारी के पास जा बैठा। तसल्ली देते हुए बनवारी ने कहा- जो भी है, ठीक  है काका....अब  इस उमर में क्या करना है..बस राम-राम भजो।

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